चित्र संसार
Experience Power of pictures.
Friday, August 30, 2013
फूल गुलाब का
फूल जीवन का चिरंतन प्राण है
या समर्पण का निरापरिमाण है
फूल पतझड़ है नहीं फूलों भरा मधुमास है
तृप्ती हो मन की यहाँ ऐसी अनोखी प्यास है
फूल के मधुमास में साबन मनाना चाहता हूँ
गुनगुनाना चाहता हूँ
गुनगुनाना चाहता हूँ
मदन मोहन सक्सेना
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment